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Friday, December 20, 2024

हम कॉलेज में मिले, पहली नजर में हमें प्यार हुआ और अब………रुला देगा शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह की पत्नी का वीडियो।

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को उनकी साहस और वीरता के लिए कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र से सम्मानित किया। इस अवसर पर सेना और अर्धसैनिक बलों के 10 जवानों को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया, जिनमें से सात को मरणोपरांत इस सम्मान से नवाजा गया। इस समारोह में कई भावुक कर देने वाली तस्वीरें भी सामने आईं, जहां कुछ जवानों के माता-पिता और कुछ की विधवा पत्नी ने अपने प्रियजनों की ओर से सम्मान लिया। यह सम्मान उन वीरों के बलिदान को सराहनीय बनाता है, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना देश की सेवा में अपना सर्वस्व अर्पित किया। राष्ट्रपति ने इन समर्पण भावों को समझा और इन वीरों को उनके उत्कृष्ट समर्पण के लिए प्रशंसा दी।

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Captain Anshuman Singh Wife: राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह के दौरान 26 सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पुलिस के कर्मियों को शौर्य चक्र भी प्रदान किए गए, जिनमें से सात को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया। कीर्ति चक्र से सम्मानित होने वाले जवानों में शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह भी शामिल थे, जिन्हें मरणोपरांत इस सम्मान से नवाजा गया। इस सम्मान समारोह में राष्ट्रपति मुर्मू से इस सम्मान को लेने के लिए उनकी विधवा पत्नी स्मृति सिंह आई थीं, जिनका एक वीडियो वायरल हो रहा है और जिसमें उन्होंने अपने पति के बलिदान की महिमा को बखूबी बयां किया।

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स्मृति सिंह ने नम आंखों से लिया सम्मान

दरअसल, शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह की विधवा पत्नी स्मृति सिंह और उनकी मां मंजू सिंह राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह में पहुंची थीं. दोनों लोग शहीद को दिए गए कीर्ति चक्र को लेने के लिए मंच तक गए. इस दौरान बताया गया कि किस तरह कैप्टन ने अपनी जान की परवाह किए बगैर सियाचिन में जरूरी दवाओं, उपकरणों और अन्य जवानों को बचाने के लिए जान की बाजी लगा दी. जिस समय ये बातें बताई जा रही थीं, उस वक्त स्मृति सिंह की आंखों में आंसुओं को साफ देखा जा सकता है।

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कैसे शहीद हो गए कैप्टन अंशुमन सिंह? 

कैप्टन अंशुमन सिंह पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन के सेना मेडिकल कोर का हिस्सा थे. वह ऑपरेशन मेघदूत के तहत सियाचिन में मेडिकल ऑफिसर के तौर पर तैनात थे. पिछले साल 19 जुलाई को सियाचिन के चंदन ड्रॉपिंग जोन में हुई भीषण अग्निदुर्घटना के दौरान अंशुमन ने वहां फंसे लोगों को बाहर निकालने में मदद की. इसी दौरान मेडिकल इंवेस्टिगेशन सेंटर तक आग फैल गई. ये देखकर कैप्टन अंशुमन ने अपनी जान की परवाह किए बगैर उसमें कूद गए।

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शहीद कैप्टन ने सेंटर में इसलिए दाखिल हुए थे, ताकि वह जीवनरक्षक दवाइयों और उपकरणों को बचा सकें. मगर 17 हजार फीट की ऊंचाई पर चल रही तेज हवाओं की वजह से शेल्टर आग की लपटों से घिर गया. उन्हें आग से बचाने की भरपूर कोशिश की गई, लेकिन उन्हें बचाया ना जा सके. उन्हें सियाचिन में वीरगति हासिल हुई।

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Manish Negi
Manish Negihttps://chaiprcharcha.in/
Manish Negi एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास राजनीति, अर्थव्यवस्था और सामाजिक मुद्दों जैसे विषयों पर अच्छा ज्ञान है। वे 2 से ज्यादा वर्षों से विभिन्न समाचार चैनलों और पत्रिकाओं के साथ काम कर रहे हैं। उनकी रूचि हमेशा से ही पत्रकारिता और उनके बारे में जानकारी रखने में रही है वे "चाय पर चर्चा" न्यूज़ पोर्टल में विभिन्न विषयों पर ताज़ा और विश्वसनीय समाचार प्रदान करते हैं"

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