रायवाला (ऋषिकेश)। अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर एक बार फिर जनाक्रोश फूट पड़ा। रविवार को मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में लोग वनंतरा रिजॉर्ट के बाहर पहुंचे और न्याय की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। प्रदर्शनकारियों ने सरकार और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए दोषियों को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग की।सुबह से ही रायवाला इलाके में लोगों का जत्था जुटने लगा था। दोपहर होते-होते वनंतरा रिजॉर्ट के बाहर “अंकिता को न्याय दो” और “हत्यारों को फांसी दो” जैसे नारे गूंजने लगे। प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं, युवा और स्थानीय लोग शामिल थे। सभी ने एक स्वर में कहा कि जब तक अंकिता के हत्यारों को सख्त सजा नहीं मिलती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
मूल निवास भू कानून संघर्ष समिति के संयोजक (नेता का नाम उपलब्ध न होने पर खाली छोड़ा जा सकता है) ने कहा कि अंकिता जैसी बेटी के साथ जो अमानवीयता हुई, वह पूरे उत्तराखंड के लिए शर्म का विषय है। इतने समय बीत जाने के बाद भी दोषियों को सजा नहीं मिलना न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। उन्होंने कहा कि जनता अब केवल बयानबाज़ी नहीं चाहती, बल्कि ठोस कार्रवाई देखना चाहती है।प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे। पुलिस बल ने रिजॉर्ट के चारों ओर बेरिकेटिंग लगाकर प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोका। इसी दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी झड़प हो गई। कुछ समय के लिए स्थिति तनावपूर्ण बनी रही।
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हालांकि, बाद में स्थिति को नियंत्रण में ले लिया गया। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि पुलिस उनका शांतिपूर्ण विरोध रोकने की कोशिश कर रही है, जबकि उनका उद्देश्य सिर्फ सरकार तक अपनी आवाज़ पहुंचाना था।प्रदर्शन में मौजूद कई सामाजिक संगठनों और महिला समूहों के प्रतिनिधियों ने कहा कि यह सिर्फ अंकिता का नहीं बल्कि पहाड़ की हर बेटी का मामला है। उत्तराखंड जैसे शांत राज्य में बेटियों की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं, इसलिए सरकार को इस मामले को प्राथमिकता के साथ निपटाना चाहिए।कई वक्ताओं ने कहा कि अंकिता हत्याकांड उत्तराखंड के कानून-व्यवस्था की संवेदनशीलता की परीक्षा है। जिस तरह से घटना के बाद सबूतों को नष्ट किया गया और जांच में देरी हुई, उससे जनता का भरोसा हिल गया है। लोगों ने मांग की कि इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जाए और सरकार पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए।
प्रदर्शन के दौरान पुलिस अधिकारियों ने भी मौके पर पहुंचकर लोगों से बातचीत की और शांति बनाए रखने की अपील की। अधिकारियों का कहना था कि कानून अपना काम कर रहा है और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।अंकिता भंडारी हत्याकांड सितंबर 2022 में उस समय सुर्खियों में आया था, जब वनंतरा रिजॉर्ट में कार्यरत 19 वर्षीय अंकिता की लापता होने के बाद हत्या का खुलासा हुआ। जांच में सामने आया कि रिजॉर्ट संचालक और उसके दो सहयोगियों ने अंकिता की हत्या कर शव को चीला नहर में फेंक दिया था।
इस मामले ने पूरे राज्य में जनाक्रोश को जन्म दिया था।हालांकि, तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद भी लंबित जांच और धीमी न्यायिक प्रक्रिया को लेकर लोग लगातार नाराज़ हैं। यही वजह है कि समय-समय पर अंकिता के लिए न्याय की मांग फिर से उठती रही है। आज का प्रदर्शन एक बार फिर यह संदेश देता है कि जनता अब इस मामले में ठोस नतीजा चाहती है — केवल वादे नहीं, बल्कि न्याय की ठोस डिलीवरी।
