देहरादून: उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों से लेकर तराई और मैदानी क्षेत्रों तक इस बार सर्दी ने लोगों की रफ्तार थाम दी है। गुरुवार देर रात से ही उत्तराखंड के कई हिस्सों में घना कोहरा छाया हुआ है, जिससे शुक्रवार को शीत दिवस जैसी स्थिति बन गई। मौसम विज्ञान केंद्र ने देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, चंपावत, नैनीताल और पौड़ी जनपदों के लिए ‘भीषण शीत दिवस’ का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।कोहरे की यह चादर न सिर्फ विज़िबिलिटी कम कर रही है, बल्कि यातायात को भी प्रभावित कर रही है। मैदानी जिलों में सुबह से ही गाड़ियों की रफ्तार धीमी पड़ी दिखी। देहरादून और हरिद्वार में जहां सुबह के समय दृश्यता 50 मीटर से भी कम दर्ज की गई, वहीं ऊधमसिंह नगर के किच्छा और रुद्रपुर इलाके में वाहन चालक हेडलाइट और हैज़र्ड लाइट्स की मदद से सफर कर रहे हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, ठंडी हवाओं और पश्चिमी विक्षोभ के असर से अगले दो दिनों तक पारा और गिर सकता है। कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान सामान्य से 3-5 डिग्री सेल्सियस नीचे तक दर्ज किया जा सकता है। वहीं, पर्वतीय इलाकों में पाला जमना शुरू हो गया है। नैनीताल, मुक्तेश्वर, धनोल्टी और औली जैसे ऊँचे इलाकों में बर्फबारी की संभावना से पर्यटकों में उत्साह तो देखने को मिल रहा है, लेकिन स्थानीय निवासियों के लिए यह स्थिति चुनौतियां बढ़ाने वाली है।हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर के किसान भी इस ठिठुरन के असर से चिंतित हैं। खेतों में जमी ओस और धुंध से गेंहू और सब्ज़ियों की फसल पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। कृषि विशेषज्ञ किसानों को सलाह दे रहे हैं कि वे सुबह-सुबह सिंचाई से बचें और खेतों में पुआल या कवर का उपयोग कर पौधों को तापीय सुरक्षा प्रदान करें।
स्वास्थ्य विभाग ने भी आमजन को खास सतर्कता बरतने की सलाह दी है। ठंड बढ़ने के साथ ही फ्लू, खांसी-जुकाम, सांस की तकलीफ और हाइपोथर्मिया जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ गया है। डॉक्टरों ने बुजुर्गों, बच्चों और हृदय रोगियों को विशेष सावधानी बरतने, गर्म कपड़े पहनने और अनावश्यक घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है।परिवहन विभाग ने हिदायत दी है कि लोग कोहरे के दौरान वाहनों की गति कम रखें, डिपर का उपयोग करें और हाइवे पर आकस्मिक ब्रेक लगाने से बचें। रेलवे विभाग ने भी बताया कि कोहरे के कारण कई ट्रेनों की रफ्तार धीमी कर दी गई है, जिससे समय सारिणी प्रभावित हो सकती है।मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक ने बताया कि इस समय उत्तर भारत में ठंडी हवाओं का प्रभाव अधिक है।
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पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानों में कोहरे का संयोजन राज्य में शीत दिवस की स्थिति बना रहा है। उन्होंने बताया कि फिलहाल राहत की उम्मीद अगले कुछ दिनों तक नहीं है, क्योंकि उत्तर-पश्चिम दिशा से शुष्क और ठंडी हवाएं लगातार बह रही हैं।इस तरह, मौसम की इस तीव्रता ने जहां किसानों, यात्रियों और आम लोगों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं, वहीं पर्यटन उद्योग के लिए यह मौसम उम्मीदों का नया दौर भी लेकर आया है। नववर्ष के स्वागत से पहले नैनीताल, ऋषिकेश, औली और मसूरी जैसे हिल स्टेशन पर्यटकों की चहल-पहल से गुलज़ार होने लगे हैं।उत्तराखंड की यह सर्दी, जहां एक ओर राज्य के बाशिंदों की कठिनाइयाँ बढ़ा रही है, वहीं दूसरी ओर पहाड़ों की प्राकृतिक सुंदरता को एक नई चमक भी दे रही है।
