देहरादून: उत्तराखंड का बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड एक बार फिर सुर्खियों में है। तीन साल पहले हुए इस दर्दनाक मामले ने एक बार फिर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है। वजह है एक वायरल वीडियो, जिसे भाजपा के निष्कासित पूर्व विधायक सुरेश राठौर की कथित पत्नी ने सोशल मीडिया पर शेयर किया। इस वीडियो में महिला ने कई चौंकाने वाले दावे किए, जिनसे पूरे राज्य में सियासी बहस छिड़ गई है।दरअसल, महिला ने अपने फेसबुक लाइव में “वीआईपी गट्टू” नाम के व्यक्ति का जिक्र किया और दावा किया कि उसका अंकिता भंडारी हत्याकांड से गहरा संबंध है। महिला के मुताबिक, “गट्टू” भाजपा का एक बड़ा नेता है और जिस दिन अंकिता की हत्या हुई, वह घटना स्थल पर मौजूद था। उन्होंने कहा कि जिस दिन यह जघन्य अपराध हुआ, गट्टू वहां क्या कर रहा था? यही सवाल अब पूरे उत्तराखंड में गूंज रहा है।
महिला ने वीडियो में एक पूर्व जिला पंचायत सदस्य का भी नाम लिया और कहा कि उनके पास मामले से जुड़ी अहम जानकारी है। इतना ही नहीं, उन्होंने एक ऑडियो क्लिप का भी उल्लेख किया, जिसमें कथित रूप से इस मामले की पड़ताल से जुड़ी बातें कही गई हैं। हालांकि, अब तक इस वीडियो या ऑडियो की सत्यता की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सोशल मीडिया पर इनके वायरल होते ही मामले ने तूल पकड़ लिया है।इस नए मोड़ के बाद राजनीतिक बयानबाज़ी तेज हो गई है। कांग्रेस ने मोर्चा संभालते हुए इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की है। पार्टी नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार ने अंकिता को अब तक न्याय नहीं दिलाया और अब जब नया खुलासा हुआ है, तो इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। वहीं भाजपा ने कांग्रेस पर “शर्मनाक राजनीति” करने का आरोप लगाया है और कहा कि विपक्ष इस मामले को केवल चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है।
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गौरतलब है कि अंकिता भंडारी की हत्या सितंबर 2022 में हुई थी। वह ऋषिकेश के समीप एक रिज़ॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम कर रही थीं। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि रिज़ॉर्ट के मालिक समेत अन्य आरोपियों ने उनकी हत्या कर शव को चिल्ला नहर में फेंक दिया था। तब से यह मामला उत्तराखंड के जनमानस में न्याय की प्रतीक बन गया है।अब जब नया वीडियो सामने आया है, तो यह न सिर्फ जांच एजेंसियों के लिए, बल्कि शासन-प्रशासन के लिए भी चुनौती बन गया है। क्या इस वायरल वीडियो के दावे जांच में खरे उतरेंगे, या यह सिर्फ राजनीति की नई गोटी है — यह आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन इतना तय है कि अंकिता भंडारी का नाम एक बार फिर उत्तराखंड की सियासत के केंद्र में आ गया है।
