आईसीसी वनडे/टी20 विश्व कप 2026: आईसीसी वनडे/टी20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम का ऐलान हो चुका है और इस बार सबसे बड़ा सरप्राइज नाम है विकेटकीपर-बल्लेबाज ईशान किशन, जिनकी करीब 2 साल बाद स्क्वॉड में धमाकेदार वापसी हुई है। वहीं, युवा स्टार शुभमन गिल का इस बार पत्ता साफ हो गया है, जिससे फैंस के बीच काफी चर्चा तेज हो गई है। आइए जानते हैं इस वर्ल्ड कप स्क्वॉड की 7 बड़ी बातें, जो आने वाले टूर्नामेंट की तस्वीर साफ करती हैं।
1. ईशान किशन की दमदार वापसी
लगभग दो साल तक टीम से अंदर-बाहर होते रहे ईशान किशन के लिए यह वर्ल्ड कप स्क्वॉड करियर का बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। बाएं हाथ के विस्फोटक बल्लेबाज होने के साथ-साथ वह फ्लेक्सिबल ऑर्डर में खेल सकते हैं और विकेटकीपिंग भी संभाल सकते हैं। टीम मैनेजमेंट ने उन्हें दोहरी भूमिका के साथ एक इम्पैक्ट प्लेयर की तरह देखा है।
2. शुभमन गिल का कटा पत्ता
दूसरी ओर, पिछले कुछ समय से फॉर्म और फिटनेस को लेकर जूझ रहे शुभमन गिल को जगह न मिलना बड़ा फैसला माना जा रहा है। गिल को भारत की टॉप-ऑर्डर बैटिंग का भविष्य माना जा रहा था, लेकिन हालिया सीरीज में स्ट्राइक रेट और कंसिस्टेंसी पर सवाल उठे। सेलेक्टर्स ने शायद मौजूदा फॉर्म और टीम बैलेंस को तरजीह देते हुए यह कड़ा कदम उठाया है।
3. टॉप ऑर्डर में अनुभव और पावर
स्क्वॉड में टॉप ऑर्डर के लिए टीम ने एक्सपीरिएंस और पावर-हिटिंग का मिक्स चुना है। कप्तान रोहित शर्मा के साथ एक स्थिर ओपनर, नंबर 3 पर भरोसेमंद बल्लेबाज और उसके बाद मिडिल ऑर्डर में ऐसे खिलाड़ी, जो परिस्थिति के मुताबिक एंकरी भी बन सकें और जरूरत पड़ने पर तेजी से रन भी बना सकें। यह कॉम्बिनेशन नॉकआउट मैचों में बहुत अहम साबित होगा।
4. मिडिल ऑर्डर की फ्लेक्सिबिलिटी
ईशान किशन का शामिल होना मिडिल ऑर्डर को और लचीला बनाता है। वे नंबर 3 से लेकर नंबर 6 तक किसी भी पोजिशन पर उतर सकते हैं। साथ ही, एक-दो और ऐसे बल्लेबाज चुने गए हैं जो पार्ट-टाइम स्पिन करा सकते हैं, जिससे कप्तान के पास बॉलिंग ऑप्शंस भी बढ़ जाते हैं। यही मल्टी-डाइमेंशनल प्लेयर्स आज की व्हाइट-बॉल क्रिकेट की सबसे बड़ी जरूरत हैं।
5. ऑलराउंडर्स पर सेलेक्टर्स का भरोसा
आज के फॉर्मेट में ऑलराउंडर्स ही टीम की असली ताकत होते हैं। भारत ने भी 2–3 genuine ऑलराउंडर्स के साथ जाने का फैसला किया है, जो बल्ले से 30–40 अहम रन और गेंद से 6–8 ओवर निकाल सकते हैं। इससे टीम को बैटिंग डेप्थ भी मिलती है और बॉलिंग में वैराइटी भी।
6. तेज गेंदबाजी अटैक में बैलेंस
तेज गेंदबाजी में इंडिया ने एक्सपीरियंस और यूथ का बढ़िया मिश्रण रखा है। नई गेंद से स्विंग कराने वाले और डेथ ओवरों में यॉर्कर डालने वाले दोनों तरह के स्पेशलिस्ट शामिल किए गए हैं। वर्ल्ड कप की पिचों को देखते हुए एक अतिरिक्त पेसर बैक-अप के तौर पर रखना भी समझदारी भरा कदम है।
7. स्पिन कॉम्बो पर सबकी नजर
सबसे ज्यादा चर्चा स्पिन विभाग को लेकर भी है। एक–दो अटैकिंग स्पिनर, जो बीच के ओवरों में विकेट निकाल सकें, और साथ में एक डिफेंसिव स्पिनर, जो रन रोके – ऐसा कॉम्बो टीम में साफ नजर आता है। अगर पिचें धीमी रहीं तो यही स्पिनर भारत के लिए मैच विनर बन सकते हैं। कुल मिलाकर, इस स्क्वॉड में फॉर्म, फ्लेक्सिबिलिटी और फिटनेस को सबसे ज्यादा अहमियत दी गई है। ईशान किशन की 2 साल बाद जोरदार वापसी और शुभमन गिल का बाहर होना यह साफ संदेश देता है कि सेलेक्टर्स अब नाम नहीं, बल्कि मौजूदा प्रदर्शन और टीम कॉम्बिनेशन को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। अब देखना यह होगा कि यह बहादुर चुना हुआ स्क्वॉड मेगा टूर्नामेंट में ट्रॉफी तक का सफर तय कर पाता है या नहीं।
टी20 वर्ल्ड कप के लिए 15 सदस्यीय भारतीय टीम: सूर्यकुमार यादव (कप्तान), अक्षर पटेल (उपकप्तान), अभिषेक शर्मा, तिलक वर्मा, हार्दिक पंड्या, शिवम दुबे, संजू सैमसन (विकेटकीपर), कुलदीप यादव, वरुण चक्रवर्ती, जसप्रीत बुमराह, अर्शदीप सिंह, रिंकू सिंह, हर्षित राणा, वॉशिंगटन सुंदर और ईशान किशन (विकेटकीपर).
