अरुणाचल प्रदेश: अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले से गुरुवार को एक भयावह सड़क हादसे की खबर आई, जिसने पूरे क्षेत्र को गम और सदमे में डाल दिया। सड़क निर्माण कार्य के लिए चकलागम जा रहे मजदूरों से भरा एक ट्रक अचानक अनियंत्रित होकर सैकड़ों फीट गहरी खाई में जा गिरा। हादसे में अब तक 13 मजदूरों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 9 मजदूरों की तलाश अभी भी जारी है। यह दुर्घटना इतनी भीषण थी कि ट्रक के परखच्चे उड़ गए और बचाव दलों को घटनास्थल तक पहुंचने में घंटों लग गए।
कैसे हुआ हादसा
स्थानीय प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, यह हादसा हैलोंग–चकलागम सड़क पर मेटेलियांग क्षेत्र के पास हुआ। गुरुवार सुबह मजदूर सड़क निर्माण स्थल की ओर जा रहे थे। मार्ग पर एक तीव्र मोड़ और फिसलन भरे रास्ते के कारण ट्रक चालक ने संतुलन खो दिया और ट्रक सीधे खाई में गिर गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि वाहन तेज गति में था और इलाके की सड़क हाल में बारिश से काफी खराब हो चुकी थी। जैसे ही स्थानीय लोगों ने ट्रक को खाई में गिरते देखा, उन्होंने तत्काल पुलिस और फायर सर्विस को सूचना दी।
राहत और बचाव अभियान जारी
अंजॉ जिला प्रशासन, पुलिस, और स्थानीय लोग मिलकर राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। इलाके की भौगोलिक स्थिति ने राहत कार्य को बेहद मुश्किल बना दिया है। गहरी खाई और घने जंगलों के बीच जवानों को रस्सियों और मशीनों की मदद से नीचे उतरना पड़ रहा है। प्रशासन ने सेना और एनडीआरएफ की टीमें भी मौके पर तैनात कर दी हैं। देर शाम तक 13 शवों को बाहर निकाला जा चुका था, जबकि बाकी नौ मजदूरों की तलाश पूरी रात जारी रखने का फैसला किया गया है।
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इलाके में मातम और रोष
इस हादसे ने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है। मृतकों में से अधिकतर मजदूर असम और अरुणाचल के पड़ोसी जिलों से आए थे, जो रोज़गार की तलाश में इन दुर्गम इलाकों में मेहनत कर रहे थे। स्थानीय लोग प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि पर्वतीय मार्गों पर भारी वाहनों के संचालन के दौरान सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए जाते। ओवरलोडिंग और कमजोर सड़कों के कारण मजदूरों की ज़िंदगी से बार-बार खिलवाड़ होता है।
मुख्यमंत्री ने जताया दुख, जांच के आदेश
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है और मृतकों के परिजनों को तत्काल आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। उन्होंने जिला प्रशासन को हादसे की उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं ताकि जिम्मेदार लोगों की पहचान की जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क निर्माण के दौरान मजदूरों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए कड़े नियम बनाए जाएंगे।
विकास की कीमत पर बहा खून
यह हादसा एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि क्या विकास की गति मजदूरों की सुरक्षा से तेज़ हो चुकी है। सीमावर्ती इलाकों में सड़क निर्माण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए तो ज़रूरी है, लेकिन जिन हाथों से यह विकास संभव हो रहा है, वे ही असुरक्षित हैं। अंजॉ का यह दर्दनाक हादसा सिर्फ एक समाचार नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि पहाड़ों में विकास का रास्ता तय करने से पहले इंसानों की जान की कीमत को भी समझना होगा।
