जापान: जापान के उत्तरी हिस्से में रविवार शाम एक बार फिर धरती कांप उठी। 8 दिसंबर की शाम 7:45 बजे (स्थानीय समय) तेज झटके महसूस किए गए। अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, यह भूकंप 32 मील (लगभग 51 किलोमीटर) की गहराई से आया था। इसका केंद्र (एपिसेंटर) होक्काइडो के तट के पास 41° उत्तरी अक्षांश और 142.3° पूर्वी देशांतर पर था। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि समुद्र तटीय इलाकों में लोगों में दहशत फैल गई।जापान के मौसम विभाग और स्थानीय प्रशासन तुरंत सतर्क हो गए। शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, किसी बड़ी क्षति या जनहानि की सूचना नहीं है।
हालांकि, एहतियात के तौर पर तटीय क्षेत्रों में लोगों को ऊँचे इलाकों की ओर जाने की सलाह दी गई थी। इससे पहले भी, 9 नवंबर को उत्तरी जापान में एक शक्तिशाली भूकंप आया था। उस भूकंप की तीव्रता 6.9 मापी गई थी और इसका केंद्र इवाते प्रांत के पास था। यह झटका शाम 5:03 बजे महसूस किया गया था। उस भूकंप की गहराई लगभग 20 किलोमीटर (12 मील) थी, और इसके बाद कई आफ्टरशॉक दर्ज किए गए थे।भूकंप के तुरंत बाद जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) ने तटीय इलाकों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की थी। एजेंसी ने आशंका जताई थी कि लहरें लगभग 1 मीटर (3 फीट) तक ऊँची हो सकती हैं।
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हालांकि राहत की बात यह रही कि बाद में जो लहरें आईं, वे अनुमान से कहीं कमजोर थीं — केवल 10 से 20 सेंटीमीटर (4–8 इंच) ऊँची। इन्हें उत्तरी तटीय शहरों जैसे ओफुनाटो, मियाको, कामाइशी, ओमिनाटो और कुजी में रिकॉर्ड किया गया।जापान के न्यूक्लियर रेगुलेटरी अथॉरिटी ने पुष्टि की है कि क्षेत्र के किसी भी परमाणु ऊर्जा संयंत्र को कोई नुकसान नहीं हुआ है। सभी संयंत्र सामान्य रूप से कार्य कर रहे हैं।जापान दुनिया के उन देशों में शामिल है जहां भूकंप सबसे अधिक आते हैं। इसका कारण है कि यह क्षेत्र चार टेक्टोनिक प्लेटों — प्रशांत, फिलीपीन, यूरेशियन और नॉर्थ अमेरिकन प्लेटों — के संगम क्षेत्र में स्थित है। प्लेटों की निरंतर हलचल के कारण यहां अक्सर शक्तिशाली भूकंप दर्ज किए जाते हैं।
स्थानीय समाचार एजेंसियों का कहना है कि भूकंप का केंद्र समुद्र में होने की वजह से सुनामी का खतरा हमेशा बना रहता है, लेकिन इस बार किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं मिली। प्रशासन ने कहा है कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।भले ही इस बार भूकंप से बड़ी आपदा नहीं हुई, लेकिन लगातार आ रहे झटके जापान के लोगों में असुरक्षा की भावना को बढ़ा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में हल्के आफ्टरशॉक महसूस किए जा सकते हैं।
