देहरादून: उत्तराखंड में मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान की शुरुआत के साथ ही जिला निर्वाचन अधिकारी मतदाताओं से अपील कर रहे हैं कि वे अपने वोट की स्थिति जल्द जांच लें। दरअसल, ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां एक ही व्यक्ति का नाम दो अलग-अलग जगहों की वोटर लिस्ट में दर्ज है—एक उनके गांव में और दूसरा वर्तमान निवास स्थान के शहर में। यह स्थिति न केवल गलत है बल्कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के तहत कानूनी उल्लंघन भी मानी जाती है। निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार, किसी भी मतदाता का नाम केवल एक ही विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में होना चाहिए।
यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर या लापरवाहीवश दो जगह नाम दर्ज कराता है, तो यह “दोहरी प्रविष्टि” (Dual Entry) कहलाता है। ऐसे मामलों में संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें सजा या जुर्माने का भी प्रावधान है।विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन और त्रुटिरहित बनाना है। इसके तहत नए मतदाताओं को जोड़ने, मृतकों या स्थानांतरित व्यक्तियों के नाम हटाने और संशोधन करने की प्रक्रिया चल रही है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि जो मतदाता अब किसी नई जगह पर रह रहे हैं, उन्हें पुराने पते की वोटर सूची से नाम हटवाना होगा। केवल नई जगह पर Form-6 भरकर नाम जोड़ना पर्याप्त नहीं है।
Form-7 के माध्यम से पुराने पते से नाम हटवाना भी जरूरी है।उत्तराखंड के कई जिलों—जैसे देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और पौड़ी—में ऐसे हजारों मतदाता हैं जिनका नाम दो जगहों की सूचियों में शामिल है। जिला निर्वाचन कार्यालयों ने ऐसे मामलों की पहचान के लिए विशेष सत्यापन अभियान शुरू किया है। यदि कोई व्यक्ति एसआईआर के दौरान दो अलग-अलग जगहों से फॉर्म भरता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी।लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 और 18 स्पष्ट रूप से कहती हैं कि कोई भी व्यक्ति एक समय में एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में नाम नहीं रख सकता। वहीं, धारा 31 के तहत यदि कोई जानबूझकर झूठी जानकारी देता है या अपने नाम की दोहरी प्रविष्टि करवाता है, तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
मतदाताओं से अपील की गई है कि वे अपने नाम की स्थिति चुनाव आयोग की वेबसाइट या “Voter Helpline” ऐप पर जांच लें। यदि नाम दो जगह दर्ज है, तो तुरंत एक जगह से हटाने का आवेदन करें, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की कानूनी जटिलता या मतदान अधिकार रद्द होने का खतरा न रहे।लोकतंत्र में मत का महत्व केवल मतदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि जिम्मेदार मतदाता बनने में भी निहित है। इसलिए, हर नागरिक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसका नाम केवल एक ही निर्वाचन क्षेत्र की सूची में सही रूप से दर्ज हो।
