हर साल 19 नवंबर को भारत में राष्ट्रीय एकीकरण दिवस (National Integration Day) / कौमी एकता दिवस मनाया जाता है, जिसे कौमी एकता दिवस के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन न सिर्फ एक महान नेता को श्रद्धांजलि देता है, बल्कि देश की विविधता में एकता की शक्ति का भी उत्सव मनाता है। यह दिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती (19 नवंबर 1917) के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
आइए, विस्तार से जानते हैं कि इस दिन का महत्व क्या है, इसे क्यों मनाया जाता है और इसका इतिहास क्या है।
राष्ट्रीय एकीकरण दिवस क्यों मनाया जाता है? (National Integration Day Significance)
राष्ट्रीय एकीकरण दिवस का उद्देश्य देश की एकता, शांति, प्रेम और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना है। यह दिन लोगों को याद दिलाता है कि विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं और धर्मों के बावजूद, हम सब एक राष्ट्र हैं।
इस दिन को मनाने के मुख्य उद्देश्य:
- राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना: नागरिकों के बीच नस्ल, जाति, धर्म या भाषा के आधार पर बिना किसी भेदभाव के एकता की भावना को मज़बूत करना। राष्ट्रीय एकता और सद्भाव की भावना को बढ़ावा देना
- इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि:यह दिन भारत की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री, श्रीमती इंदिरा गांधी की जयंती (जन्मदिन) के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
- देश की अखंडता: लोगों को असामाजिक और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों से दूर रहने और देश की एकता व अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रेरित करना। शांति और भाईचारे का संदेश देना
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19 नवंबर का इतिहास और इंदिरा गांधी का योगदान
19 नवंबर की तारीख भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। राष्ट्रीय एकीकरण दिवस श्रीमती इंदिरा गांधी के जन्मदिन के रूप में उन्हें समर्पित है। उन्होंने 1966 से 1977 तक और फिर 1980 से 1984 तक देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। उनके कार्यकाल में, उन्होंने भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखने और देश की विविधता को सम्मान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनके द्वारा उठाए गए कई कदमों ने विभिन्न समुदायों के बीच सद्भाव स्थापित करने में मदद की। इस दिवस को मनाकर, हम उनके एकता और प्रगति के सपने को आगे बढ़ाने की प्रतिज्ञा लेते हैं। यह दिवस हमें याद दिलाता है कि एक मजबूत राष्ट्र के लिए सामाजिक समरसता कितनी आवश्यक है।
कौमी एकता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम
राष्ट्रीय एकीकरण दिवस के अवसर पर, पूरे देश में विभिन्न तरह के कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित की जाती हैं।
एकता दौड़ (Run for Unity): कई शहरों में एकता और भाईचारे का संदेश देने के लिए दौड़ का आयोजन किया जाता है।
शपथ समारोह: सरकारी कार्यालयों, स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रीय एकता की शपथ ली जाती है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम: विभिन्न राज्यों की कला और संस्कृति को दर्शाने वाले कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो ‘विविधता में एकता’ को प्रदर्शित करते हैं।
संगोष्ठियां (Seminars): राष्ट्रीय एकीकरण और सांप्रदायिक सद्भाव के महत्व पर चर्चा के लिए संगोष्ठियां और वाद-विवाद आयोजित किए जाते हैं।
राष्ट्रीय एकता का महत्व क्यों है?
आज के दौर में, जब दुनिया भर में विभाजनकारी शक्तियां बढ़ रही हैं, तब राष्ट्रीय एकता पहले से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है। एकता ही हमें आंतरिक और बाहरी खतरों से निपटने में मदद करती है।
विकास की गति: जब नागरिक एकजुट होते हैं, तभी देश सामाजिक और आर्थिक प्रगति की राह पर तेज़ी से आगे बढ़ सकता है।
शांति और सद्भाव: एकता से ही समाज में शांति और सद्भाव बना रहता है, जिससे सभी नागरिकों को सुरक्षित माहौल मिलता है।
विश्व मंच पर पहचान: भारत की “विविधता में एकता” ही उसकी सबसे बड़ी पहचान है, जो उसे वैश्विक मंच पर एक अनूठा स्थान दिलाती है।
ध्यान देने योग्य बात:
भारत का आधिकारिक “राष्ट्रीय एकता दिवस” (Sardar Patel Jayanti) 31 अक्टूबर को मनाया जाता है। जबकि 19 नवंबर को “राष्ट्रीय एकीकरण दिवस” के रूप में मनाया जाता है।
राष्ट्रीय एकीकरण दिवस 2025 हमें एक बार फिर यह याद दिलाता है कि हमारी सबसे बड़ी शक्ति हमारी एकता में निहित है। 19 नवंबर का यह दिन हमें प्रेरित करता है कि हम अपनी व्यक्तिगत पहचानों से ऊपर उठकर सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण रूप से भारतीय होने पर गर्व महसूस करें।
आइए, इस कौमी एकता दिवस पर हम सब मिलकर एक मजबूत, समावेशी और प्रगतिशील भारत के निर्माण में अपना योगदान दें।
