अल्मोड़ा: सोशल मीडिया पर हुई दोस्ती दो नाबालिग छात्राओं के लिए खौफनाक अनुभव में बदल गई। अल्मोड़ा कोतवाली क्षेत्र की रहने वाली 15 और 16 वर्षीय दो छात्राओं के साथ नैनीताल में दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पुलिस ने एक युवक और एक नाबालिग आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने न केवल इलाके में सनसनी फैला दी है, बल्कि सोशल मीडिया की लापरवाही और होटल प्रबंधन की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।जानकारी के अनुसार, दोनों छात्राएं बीते 11 नवंबर की सुबह रोजाना की तरह घर से स्कूल जाने के लिए निकली थीं, लेकिन वे स्कूल नहीं पहुंचीं। जब दोपहर तक छात्राओं के लौटने का कोई पता नहीं चला, तो परिजनों ने स्कूल प्रशासन से संपर्क किया। वहां से जानकारी मिली कि छात्राएं उस दिन स्कूल आई ही नहीं थीं। इसके बाद परिजनों ने तुरंत कोतवाली अल्मोड़ा में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए छात्राओं की तलाश शुरू की। मोबाइल लोकेशन और सोशल मीडिया गतिविधियों की जांच में खुलासा हुआ कि छात्राओं की सोशल मीडिया पर नैनीताल निवासी एक युवक और उसके नाबालिग साथी से पहचान हुई थी। आरोप है कि इन्हीं दोनों ने छात्राओं को मिलने के बहाने नैनीताल बुलाया और वहां एक होटल में ठहराया। मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि होटल संचालक ने होटल के नियमों की अनदेखी करते हुए नाबालिग लड़कियों को कमरा उपलब्ध कराया। यह प्रश्न उठ रहा है कि होटल ने बिना पहचान पत्र के कमरा कैसे दिया और दो नाबालिग लड़कियों की मौजूदगी पर किसी ने आपत्ति क्यों नहीं जताई। समाज में सुरक्षा मानकों और होटल प्रबंधन की जिम्मेदारी पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं।इधर, 12 नवंबर की रात पुलिस को सूचना मिली कि छात्राएं नैनीताल के एक होटल में देखी गई हैं। इसके बाद टीम ने मौके पर पहुंचकर दोनों छात्राओं को बरामद किया और पूछताछ के लिए थाना लाया गया।
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पूछताछ में दोनों छात्राओं ने बताया कि सोशल मीडिया पर हुई दोस्ती के बाद युवक ने उन्हें मिलने बुलाया था, जहां उनके साथ दुराचार की घटना हुई।घटना की पुष्टि होते ही पुलिस ने दोनों आरोपियों के विरुद्ध पोक्सो एक्ट सहित संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें हिरासत में ले लिया है। होटल संचालक को भी पूछताछ के लिए तलब किया गया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने होटल नियमों का उल्लंघन क्यों किया। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या किसी अन्य व्यक्ति की भूमिका भी इस पूरे मामले में रही है।इस घटना से क्षेत्र में आक्रोश फैल गया है। स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने प्रशासन से सोशल मीडिया पर नाबालिगों की निगरानी बढ़ाने और होटल व्यवसायियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। विशेषज्ञों का कहना है कि तकनीक के बढ़ते दुरुपयोग के बीच बच्चों की डिजिटल सुरक्षा अब सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बरामद छात्राओं का मेडिकल परीक्षण करवा लिया गया है और मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है। आरोपी युवकों के मोबाइल फोन व अन्य साक्ष्य कब्जे में लेकर फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं। वहीं, दोनों नाबालिग पीड़िताओं को परामर्श के लिए बाल कल्याण समिति (Child Welfare Committee) के पास भेजा गया है।
यह मामला एक बार फिर याद दिलाता है कि सोशल मीडिया पर अजनबियों से दोस्ती नाबालिगों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। परिवारों को चाहिए कि वे अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर ध्यान दें और उन्हें डिजिटल सुरक्षा के प्रति जागरूक करें।
