हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले से एक हृदयविदारक खबर सामने आई है। मरोतन से घुमारवीं की ओर जा रही एक निजी बस भूस्खलन की चपेट में आने से पूरी तरह दब गई। यह हादसा बरठीं क्षेत्र के भल्लू पुल के पास शुक्र खड्ड के किनारे हुआ, जहां पहाड़ी से अचानक भारी मात्रा में मलबा नीचे गिर गया। देखते ही देखते संतोषी नामक निजी बस मलबे में समा गई और उसका बड़ा हिस्सा खड्ड के किनारे तक जा पहुंचा।
जानकारी के अनुसार, हादसे के समय बस में दर्जनों यात्री सवार थे जो अपने-अपने गंतव्यों की ओर जा रहे थे। मलबा गिरने की घटना इतनी तेज और अचानक थी कि चालक को बस आगे बढ़ाने या यात्रियों को चेतावनी देने का मौका तक नहीं मिला। जब तक लोग कुछ समझ पाते, पूरी बस मलबे में दब चुकी थी। बताया जा रहा है कि इस दर्दनाक हादसे में अब तक 15 यात्रियों के शव निकाले जा चुके हैं, जबकि दो बच्चियों और एक बच्चे को जीवित बचा लिया गया है।
बच्चों की मासूमियत ने सबको झकझोर दिया
इस हादसे में सबसे दर्दनाक पहलू यह है कि एक बच्ची की मां की मौत उसी बस में मलबे के नीचे हो गई, जबकि बच्ची को लोगों ने किसी तरह बाहर निकाल लिया। बचाए गए इन तीनों बच्चों को तुरंत बरठीं अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका प्राथमिक उपचार चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, फिलहाल बच्चे खतरे से बाहर हैं लेकिन मानसिक रूप से काफी आघात में हैं।
राहत और बचाव अभियान जारी
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन, पुलिस और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई। बचाव दल ने भारी मशीनरी की मदद से मलबा हटाने का कार्य शुरू किया। पहाड़ी इलाका और लगातार हो रही बारिश बचाव कार्यों में बड़ी चुनौती बनी रही। बचाव कर्मियों ने बताया कि बस पूरी तरह मलबे के नीचे दब चुकी थी, जिससे उसके अंदर तक पहुंचना बेहद मुश्किल हो गया था। फिर भी रात भर राहत कार्य जारी रखा गया ताकि किसी भी जीवित व्यक्ति तक समय रहते पहुंचा जा सके।
स्थानीय लोग भी राहत कार्य में जुट गए और प्रशासन के साथ मिलकर फंसे हुए लोगों को निकालने में मदद की। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के बाद कुछ समय तक पूरे इलाके में अफरातफरी का माहौल रहा। स्थानीय निवासियों ने बताया कि यह क्षेत्र भूस्खलन के लिए संवेदनशील माना जाता है और बारिश के दौरान यहां पहले भी छोटे-मोटे भूस्खलन होते रहे हैं।
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मुख्यमंत्री ने जताया शोक, जांच के आदेश
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की है। उन्होंने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है। सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को मुआवजे की घोषणा भी की गई है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी ने बताया कि फिलहाल इस क्षेत्र में आवागमन को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है और पहाड़ियों की स्थिरता का आकलन किया जा रहा है ताकि आगे किसी बड़ी दुर्घटना को रोका जा सके।
एक चेतावनी के रूप में हादसा
यह हादसा हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में बार-बार आने वाले भूस्खलनों की गंभीरता की याद दिलाता है। मानसून के समय पहाड़ी राज्यों में यात्रियों और चालकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को जोखिमग्रस्त क्षेत्रों में यातायात को नियंत्रित करने और भूस्खलन रोधी उपायों को मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे। 15 निर्दोष जिंदगियों की कीमत पर यह हादसा एक बार फिर यह चेतावनी लेकर आया है कि प्रकृति के संकेतों को अनदेखा करना कितना खतरनाक साबित हो सकता है। बरठीं का यह हादसा पूरे प्रदेश को शोक में डुबो गया है और प्रशासन व आम जनता दोनों के लिए सुरक्षा को लेकर एक बड़ा सबक बनकर सामने आया है।