रानीखेत: अल्मोड़ा जनपद के रानीखेत क्षेत्र के निकटवर्ती मजखाली गांव में मंगलवार को एक बड़ा हादसा हो गया। यहां बिजली आपूर्ति में आई दिक्कत को दुरुस्त करने के लिए पोल पर चढ़े विद्युत विभाग के लाइनमैन को अचानक तेज करंट लग गया। हादसे के बाद लाइनमैन बुरी तरह झुलस गया, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। उसे तुरंत नीचे उतारकर उपचार के लिए रानीखेत राजकीय चिकित्सालय लाया गया, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया।
हादसा कैसे हुआ
घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि मजखाली क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति में तकनीकी खराबी आ रही थी। स्थानीय लोगों की मांग पर बिजली विभाग का कर्मचारी वायरिंग और कनेक्शन दुरुस्त करने के लिए पोल पर चढ़ा था। इसी दौरान अचानक करंट की चपेट में आने से वह तेज झटके के कारण पोल पर ही चिपक गया। आस-पास मौजूद लोगों ने शोर मचाया और जैसे-तैसे कर उसे नीचे उतारा। गंभीर रूप से झुलसे होने के कारण तुरंत एंबुलेंस बुलाकर उसे राजकीय चिकित्सालय रानीखेत पहुंचाया गया।
गंभीर स्थिति में रेफर
चिकित्सकों के अनुसार लाइनमैन के शरीर का बड़ा हिस्सा झुलस चुका है। प्रारंभिक इलाज के बाद उसकी हालत नाजुक बनी रही जिसके चलते विशेषज्ञ डॉक्टरों ने उसे हल्द्वानी स्थित हायर सेंटर रेफर कर दिया। वहीं परिजन भी घटना की जानकारी पाकर अस्पताल पहुंच गए और काफी देर तक अस्पताल में हड़कंप का माहौल बना रहा।
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ग्रामीणों में रोष
इस हादसे को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में गहरा आक्रोश देखने को मिला। उनका कहना है कि लाइनमैन अक्सर बेहद जोखिमभरी परिस्थितियों में कार्य करते हैं लेकिन सुरक्षा संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता को लेकर लापरवाही बरतता है। अगर लाइनमैन को उचित सुरक्षा किट, दस्ताने और हेलमेट उपलब्ध कराए जाते, तो शायद इस तरह के हादसे टाले जा सकते थे।
बिजली कर्मचारियों की जोखिमभरी ड्यूटी
बिजली व्यवस्था को बनाए रखने वाले लाइनमैनों का जीवन बेहद खतरे से भरा होता है। आए दिन प्रदेश के विभिन्न इलाकों से करंट लगने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। बावजूद इसके, इनके कार्यस्थलों पर सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जाता। विशेषज्ञ मानते हैं कि विद्युत विभाग को नियमित रूप से प्रशिक्षण के साथ-साथ आधुनिक सुरक्षा उपकरण मुहैया कराए जाने चाहिए ताकि ऐसे हादसों को कम किया जा सके।
विभाग की चुप्पी
इस घटना के बाद इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर कब तक लाइनमैन अपनी जान जोखिम में डाल कर लोगों की सेवा करते रहेंगे। फिलहाल विभाग की ओर से किसी भी अधिकारी का आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए गए तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे।
मजखाली का यह हादसा न केवल एक दर्दनाक घटना है बल्कि एक चेतावनी भी है कि विद्युत आपूर्ति बनाए रखने वालों की सुरक्षा की अनदेखी सीधे उनके जीवन से खिलवाड़ है। जिस तरह डॉक्टर मरीज को नई जिंदगी देते हैं, उसी तरह बिजलीकर्मी रोजाना अपनी जान जोखिम में डालकर सैकड़ों गांवों व कस्बों को रोशन रखते हैं। लेकिन अगर उन्हें ही सुरक्षा न मिले, तो ऐसी घटनाएं भविष्य में और भी गंभीर रूप ले सकती हैं।