हल्द्वानी: उत्तराखंड की धराली घाटी हाल ही में आई भयंकर आपदा से कराह रही है। यहां बादल फटने और भूस्खलन जैसी घटनाओं ने न सिर्फ गांव की बस्तियों का अस्तित्व खतरे में डाल दिया बल्कि कई लोग अपने घर-परिवार, मवेशी और जमीन से भी उजड़ गए। इस आपदा में मजदूर, किसान और आम लोग अपनी जिंदगी फिर से पटरी पर लाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। राहत और बचाव कार्य में प्रशासन और स्थानीय लोग जुटे हुए हैं। वहीं, कई समाजसेवी संस्थाएं और आम नागरिक आर्थिक व सामाजिक सहयोग कर रहे हैं। लेकिन इन बीच चर्चा का बड़ा विषय बना है प्रसिद्ध यूट्यूबर सौरभ जोशी का नाम।
सोशल मीडिया पर खुद को करोड़पति यूट्यूबर कहलाने वाले सौरभ जोशी आजकल सवालों के घेरे में हैं। वजह यह कि जहां उत्तराखंड का आम युवा और कई प्रवासी अपने गांव की मदद के लिए दान भेज रहे हैं, वहीं सौरभ, जो इस प्रदेश की ही माटी से जुड़े माने जाते हैं, अब तक किसी भी तरह की मदद या राहत राशि देने के लिए सामने नहीं आए हैं।
यूट्यूब से मिली शोहरत और पहचान
सौरभ जोशी ने अपने व्लॉग्स और पारिवारिक वीडियो के जरिए यूट्यूब की दुनिया में बड़ी पहचान बनाई। लाखों-करोड़ों की संख्या में उनके सब्सक्राइबर हैं। उनकी एक-एक वीडियो से भारी-भरकम कमाई होती है। मीडिया रिपोर्टों और उनके बयानों में कई बार यह बात सामने आ चुकी है कि उनकी मासिक आय लाखों में और सालाना आय करोड़ों में पहुंचती है। यही वजह है कि आम लोग उन्हें “करोड़ों के यूट्यूबर” कहकर जानते हैं।
लेकिन जब धराली जैसी बड़ी त्रासदी आई, तब स्थानीय लोगों को उम्मीद थी कि सौरभ जैसे बड़े नाम अपनी ओर से आर्थिक या सामाजिक पहल करेंगे। भले पैसा न भी दें, लेकिन अपने करोड़ों दर्शकों से अपील करके राहत राशि जुटवा सकते थे। मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। यही कारण है कि सोशल मीडिया पर लोग उनके खिलाफ तीखी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
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लोग क्यों कर रहे हैं आलोचना?
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सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने लिखा कि सिर्फ यूट्यूब पर लाइक्स और व्यूज़ गिनने से कोई बड़ा नहीं हो जाता, बड़ा वह है जो मुश्किल वक्त में दूसरों की मदद करे।
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कुछ ने कहा कि अगर सौरभ धराली के लिए एक अपील वीडियो भी डाल देते, तो उनके फॉलोअर्स मिलकर करोड़ों रुपये की राहत राशि इकट्ठा कर सकते थे।
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वहीं, कई लोगों ने उनकी चुप्पी को संवेदनहीन रवैया बताया है।
ज़्यादातर आलोचनाओं का केंद्र यही है कि समाज से मिली शोहरत और पैसा समाज को लौटाने का भी एक दायित्व होता है।
जनप्रतिनिधि बनाम सेलिब्रिटी
इतिहास गवाह है कि जब भी उत्तराखंड में कोई बड़ी आपदा आई, तो कई कलाकार और प्रवासी उत्तराखंडी लोग धन, भोजन और राहत सामग्री भेजकर आगे आए। बॉलीवुड से लेकर खेल जगत तक के सितारों ने मदद का हाथ बढ़ाया। ऐसे में जब कोई युवा यूट्यूबर, जो खुद को राज्य का गौरव मानता है, आपदा के समय तनिक भी जिम्मेदारी नहीं दिखाता, तो जनता का सवाल उठाना लाजिमी हो जाता है।
जनता में बढ़ रही नाराज़गी
धराली के ग्रामीणों का कहना है कि उनके पास अभी घर बनाने और जीवन पटरी पर लाने के लिए संसाधन नहीं हैं। सरकार की मदद सीमित है और राहत कार्यों की प्रक्रिया भी समय ले रही है। ऐसे में अगर प्रदेश से जुड़े बड़े सेलिब्रिटी और सोशल मीडिया स्टार मदद करते, तो पीड़ितों को मनोबल मिलता। युवाओं का एक बड़ा तबका कह रहा है कि सामाजिक जिम्मेदारी केवल नेताओं या अधिकारियों की ही नहीं होती, बल्कि जिन लोगों ने सोशल मीडिया पर लाखों की भीड़ जुटाई है, उन्हें भी मुश्किल वक्त में साथ खड़ा होना चाहिए।