हल्द्वानी: उत्तराखंड ने कई नए अस्पताल खुलने के बावजूद भी मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। चिकित्सक सहित अन्य पैरामेडिकल स्टाफ की कमी भी नहीं है लेकिन उसने बावजूद भी अस्पताल रेफरल सेंटर बनकर रह गए हैं। अस्पतालों में सही से उपचार नहीं मिलने से लोग को ज़िंदगियां भी जा रही है, लेकिन उसके बाद भी शासन कोई सुध नहीं ले रहा है। लोगों ने शासन स्तर से भी नाराजगी जताई थी। एक बहुत ही दुखद घटना सामने आ रही है यहां आठ महीने की गर्भवती महिला की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। इलाज के लिए उसे हल्द्वानी के दो अस्पताल ले गए, लेकिन गर्भवती और गर्भ में पल रहे उसके बच्चे को नहीं बचाया जा सका। परिजनों का आरोप है कि अस्पतालों में बेहतर उपचार न मिलने से महिला की मौत हुई है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक पंतनगर की पंत विहार कॉलोनी निवासी अवनीस पांडे की 29 वर्षीय पत्नी स्वाति पांडे आठ महीने की गर्भवती थीं। उनके पति लुधियाना पंजाब में नौकरी करते हैं। स्वाति पंतनगर में मायके में रह रही थीं। परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार शाम को स्वाति की अचानक तबीयत बिगड़ गई। उनका बीपी हाई हो गया, जिस कारण उसे इलाज के लिए हल्द्वानी के मुखानी चौराहे पर स्थित निजी अस्पताल लाए।
हालत गंभीर होने पर गर्भवती को यहां से रेफर कर दिया। जिसके बाद उसे डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल ले जाया गया। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि अस्पतालों में बेहतर इलाज मिलता तो बेटी की जान बच सकती थी। उसके इलाज में लापरवाही की गई है। इधर, कोतवाल राजेश कुमार यादव ने बताया कि मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया है। मौत की स्पष्ट वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद सामने आएगी। हादसे के बाद परिवार सदमे में है।
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