PISA टेस्ट क्या है?
PISA (Programme for International Student Assessment) एक अंतरराष्ट्रीय परीक्षा है जिसे OECD (Organisation for Economic Co-operation and Development) द्वारा आयोजित किया जाता है। यह परीक्षा दुनिया भर के देशों में 15 साल की उम्र के छात्रों की शैक्षिक योग्यता और व्यावहारिक समझ का मूल्यांकन करती है।
PISA टेस्ट का उद्देश्य:
PISA का मकसद यह जानना होता है कि:
- क्या छात्र जो स्कूल में पढ़ रहे हैं,
- वे उसे वास्तविक जीवन में इस्तेमाल करने लायक भी हैं या नहीं। यह रट्टा (rote learning) को नहीं परखता, बल्कि समझ, तर्क और विश्लेषण क्षमता को आंकता है।
PISA किन विषयों में टेस्ट करता है?
हर 3 साल में एक बार होता है और इसमें 3 मुख्य विषय होते हैं:
- पढ़ने और समझने की क्षमता
- गणितीय तर्क और समस्या हल करना
- विज्ञान और उसके सिद्धांतों की समझ
PISA में कौन-कौन से देश भाग लेते हैं?
- 80+ देश इसमें भाग लेते हैं, जैसे अमेरिका, जापान, चीन, फिनलैंड, भारत आदि।
- ये टेस्ट दिखाता है कि किस देश की शिक्षा प्रणाली कितनी मजबूत और प्रैक्टिकल है।
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PISA स्कोर का उपयोग किसलिए किया जाता है?
- देशों की शिक्षा नीति सुधारने के लिए
- यह जानने के लिए कि बच्चों में क्रिटिकल थिंकिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग कैसी है
- अंतरराष्ट्रीय तुलना के लिए — कौन-सा देश सबसे अच्छा प्रदर्शन कर रहा है
भारत और PISA:
- भारत पहली बार 2009 में PISA में शामिल हुआ था, लेकिन केवल तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश के छात्रों को शामिल किया गया था।
- उस समय भारत का प्रदर्शन कमज़ोर रहा था।
- अब भारत ने 2021-22 से फिर भाग लेने का फैसला किया है, खासकर केंद्र शासित क्षेत्रों और नवोदय विद्यालयों के छात्रों को लेकर।
PISA टेस्ट कैसे होता है?
- कंप्यूटर आधारित टेस्ट होता है
- बहुविकल्पीय (MCQ) और व्याख्यात्मक (descriptive) प्रश्न होते हैं
- सवाल असल जिंदगी की परिस्थितियों पर आधारित होते हैं (जैसे किराना खरीदना, विज्ञान प्रयोग, ग्राफ पढ़ना, आदि)