16 C
Uttarakhand
Wednesday, March 12, 2025

कब है महाशिवरात्रि 26 फरवरी या 27 को? दूर करे कंफ्यूजन, जानिए व्रत में क्या खाएं और क्या नहीं?

महाशिवरात्रि 2025: हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस दिन शिव मंदिरों में बेहद खास रौनक देखने को मिलती है। साथ ही अधिक संख्या में भक्त महादेव के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं।धार्मिक मान्यता है कि महाशिवरात्रि व्रत विधिपूर्वक करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है और शिव जी की कृपा हमेश बनी रहती है। पौराणिक कथा के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन महादेव और मां पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए हर साल महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है।

महाशिवरात्रि व्रत में क्या खाएं?

महाशिवरात्रि व्रत में फल, दूध, दही, मिठाई, सिंघाड़े का हलवा, साबूदाना की खिचड़ी और कुट्टू के आटे की पूरी का सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा नारियल का पानी और समा चावल की खीर को भी व्रत थाली में शामिल किया जा सकता है।

महाशिवरात्रि व्रत में क्या न खाएं?

ऐसा माना जाता है कि महाशिवरात्रि व्रत के नियम का पालन न करने से जातक को जीवन में कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। महाशिवरात्रि व्रत में लहसुन, प्याज और मांस-मदिरा का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। इसके अलावा अन्न और नमक के सेवन भी दूर रहना चाहिए। एक बात का खास ध्यान रखें कि इन चीजों का खाने से पहले महादेव को जरूर भोग लगाएं।

पूजा के दौरान करें इन मंत्रो का जप

ऊँ शं शंकराय भवोद्भवाय शं ऊँ नमः

नमामिशमीशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं

ऊँ शं भवोद्भवाय शं ऊँ नमः

ऊँ शं विश्वरूपाय अनादि अनामय शं ऊँ

ऊँ क्लीं क्लीं क्लीं वृषभारूढ़ाय वामांगे गौरी कृताय क्लीं क्लीं क्लीं ऊँ नमः शिवाय

ऊँ शं शं शिवाय शं शं कुरु कुरु ऊँ

महाशिवरात्रि का महत्व

महाशिवरात्रि को बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन भगवान भोलेनाथ शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे और इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती शादी के बंधन में बंधे थे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग का अभिषेक करने और ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करने से मन की शांति और सुख-समृद्धि मिलती है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग श्रद्धा से यह व्रत रखते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

महाशिवरात्रि की तिथि 2025

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, महाशिवरात्रि का व्रत फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है. इस बार महाशिवरात्रि की चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 8 मिनट से लेकर 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट तक है।

महाशिवरात्रि की सही तारीख 2025

ज्योतिषाचार्य डॉ. तिवारी के अनुसार, उदयातिथि के आधार पर चतुर्दशी तिथि 27 फरवरी की है. लेकिन महाशिवरात्रि व्रत के लिए उदयातिथि की मान्यता नहीं है. महाशिवरात्रि व्रत के लिए निशिता पूजा मुहूर्त को ध्यान में रखा जाता है, जो चतुर्दशी तिथि में होनी चाहिए. इस आधार पर देखें तो महाशिवरात्रि की चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी की रात्रि में है. 27 फरवरी को सुबह में चतुर्दशी तिथि खत्म हो जा रही है. ऐसे में महाशिवरात्रि की सही तारीख 26 फरवरी है. 26 फरवरी को महाशिवरात्रि व्रत रखना श्रेष्ठ है।

महाशिवरात्रि पूजा मुहूर्त 2025

26 फरवरी को जब चतुर्दशी तिथि लग रही है, तब से आप महाशिवरात्रि की पूजा कर सकते हैं. हालांकि उससे पूर्व प्रदोष व्रत की त्रयोदशी तिथि है, जो शिव जी को ही समर्पित है. महाशिवरात्रि की निशिता पूजा मुहूर्त देर रात 12:09 ए एम से 12:59 ए एम तक है. महाशिवरात्रि पर राहुकाल दोपहर में 12 बजकर 34 मिनट से दोपहर 02:00 बजे तक है. इस समय में कालसर्प दोष के लिए पूजा की जाती है।

महाशिवरात्रि पारण समय 2025

जो लोग 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का व्रत रखेंगे, वे व्रत का पारण 27 फरवरी को करेंगे. महाशिवरात्रि व्रत का पारण 27 फरवरी को सुबह 06 बजकर 48 मिनट से 08 बजकर 54 मिनट के बीच कभी भी कर सकते हैं. पारण से पूर्व आपको स्नान, दान कर लेना चाहिए।

महाशिवरात्रि पर भद्रा का समय

इस साल महाशिवरात्रि पर भद्रा भी है. भद्रा का समय दिन में में 11 बजकर 8 मिनट से रात 10 बजकर 05 मिनट तक है. लेकिन शिव पूजा में भद्रा, पंचक, राहुकाल आदि का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है. शिव स्वयं महाकाल हैं, जो काल से परे हैं. महाशिवरात्रि पर भद्रा का वास पाताल लोक में है।

 

इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता चाय पर चर्चा नहीं दे सकता हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

यह भी पढ़ें: बदरीनाथ धाम में जमीं छह इंच तक बर्फ,जिलाधिकारी ने आला अधिकारियों के साथ धाम जाने का कार्यक्रम किया रद्द।

Follow us on Google News Follow us on WhatsApp Channel
Manish Negi
Manish Negihttps://chaiprcharcha.in/
Manish Negi एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास राजनीति, अर्थव्यवस्था और सामाजिक मुद्दों जैसे विषयों पर अच्छा ज्ञान है। वे 2 से ज्यादा वर्षों से विभिन्न समाचार चैनलों और पत्रिकाओं के साथ काम कर रहे हैं। उनकी रूचि हमेशा से ही पत्रकारिता और उनके बारे में जानकारी रखने में रही है वे "चाय पर चर्चा" न्यूज़ पोर्टल में विभिन्न विषयों पर ताज़ा और विश्वसनीय समाचार प्रदान करते हैं"

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

104FansLike
26FollowersFollow
7FollowersFollow
62SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles