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Wednesday, November 20, 2024

कुमाऊं विश्वविद्यालय में बौद्धिक संपदा अधिकार संरक्षण पर संगोष्ठी का आयोजन

नैनीताल, 12 मार्च 2024: कुमाऊं विश्वविद्यालय के यूजीसी-मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र के “देवदार सभागार” में 12 मार्च 2024 को बौद्धिक संपदा अधिकार संरक्षण पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का उद्देश्य संकाय सदस्यों, छात्रों और अन्य हितधारकों को बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) के महत्व और उनके संरक्षण के तरीकों के बारे में शिक्षित करना था।

संगोष्ठी की अध्यक्षता कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० दीवान एस रावत ने की। मुख्य वक्ता के रूप में फार्मास्युटिकल उद्योग और शिक्षा जगत के स्वतंत्र सलाहकार एवं गोवा सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी के संस्थापक प्रो0 उमेश वी० बनाकर उपस्थित थे।

कुलपति प्रो० रावत ने कहा कि आईपीआर आज के युग में अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह रचनात्मकता और नवाचार को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार आईपीआर को बढ़ावा देने के लिए कई पहल कर रही है, और विश्वविद्यालयों को इन पहलों में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए।

प्रो0 उमेश वी० बनाकर ने अपने पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन में बौद्धिक संपदा अधिकारों की विभिन्न श्रेणियों, जैसे कि पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क और डिजाइन अधिकारों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने पेटेंट प्राप्त करने की प्रक्रिया और बौद्धिक संपदा अधिकारों के उल्लंघन के मामलों में क्या करना चाहिए, इस बारे में भी बताया।

कुमाऊं विश्वविद्यालय में संगोष्ठी का आयोजन
from Kumaun University Nainital facebook page

इस अवसर पर गोवा सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी की समन्वयक डॉ० राजश्री गुडे ने प्रतिभागियों को किसी नवीन उत्पाद के पेटेंट प्राप्त करने के लिए किन-किन प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है, किन- किन सावधानियों का ध्यान रखना पड़ता हैं, उत्पाद के विशिष्टताओं तथा उन्हें पूर्व पंजीकृत पेटेंट से किस प्रकार भिन्न और विशिष्ट किया जा सकता है? इन समस्त विषयों एवं प्रक्रियाओं को समझाया।

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संगोष्ठी में शोधार्थियों ने भी भाग लिया और नवीनतम रुझानों, चुनौतियों, बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित नवाचार पर चर्चा की।

आई०पी०आर० सेल की समन्वयक एवं इस संगोष्ठी की संयोजक प्रो० बीना पाण्डेय ने बताया कि आई०पी०आर० सेल का उद्देश्य संकाय सदस्यों और छात्रों के बीच बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) के बारे में जागरूकता पैदा करना और शिक्षित करना है।

कार्यक्रम का सञ्चालन यूजीसी-मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र की निदेशक प्रो० दिव्या उपाध्याय द्वारा किया गया।

यह संगोष्ठी बौद्धिक संपदा अधिकारों के बारे में जागरूकता पैदा करने और लोगों को उनके संरक्षण के तरीकों के बारे में शिक्षित करने में सफल रही।

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Pramod Bhakuni
Pramod Bhakunihttps://chaiprcharcha.in
Pramod Bhakuni "चाय पर चर्चा" न्यूज़ पोर्टल के CTO हैं साथ ही उनकी विभिन्न क्षेत्र में जानकारी रखने में गहरी रुचि उन्हें "चाय पर चर्चा" न्यूज़ पोर्टल में विभिन्न विषयों पर ताज़ा और विश्वसनीय समाचार प्रदान करने के लिए प्रेरित करती है।

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