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56 साल बाद घर पहुंचेगा देवभूमि के लाल का पार्थिव शरीर,सैन्य सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार।

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सैनिक नारायण सिंह की पत्नी और भतीजे
सैनिक नारायण सिंह की पत्नी और भतीजे

चमोली: देवभूमि उत्तराखंड के चमोली जिले में वर्ष 1968 में हिमांचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे की पहाड़ियों के बीच हुए विमान हादसें में लापता हुए लोगो में से 4 जवानो के शव भारतीय सेना के सर्चिंग दल को बर्फ के अंदर से बरामद किए हैं। जिनमें से आगामी गुरुवार को चमोली ज़िले के थराली विकासखंड स्थित कोलपुड़ी गाँव निवासी शहीद नारायण सिंह का पार्थिव शरीर भी उनके परिजनों को शहीद के अंतिम दर्शनो के लिए 56 सालों बाद उनके घर पहुंचाया जाएगा। जहाँ सैन्य सम्मान के साथ पैतृक घाट पर शहीद नारायण सिंह के शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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आपको बता दे कि नारायण सिंह का परिवार चमोली जिले के कोलपूडी गांव में रहता हैं। कोलपूडी गांव के ग्राम प्रधान जयवीर सिंह,नारायण सिंह के भतीजे है। उन्होंने बताया कि उनके ताऊ नारायण सिंह शादी साल 1962 में बसंती देवी से हुई थी. तब बसंती देवी की उम्र करीब 9 साल थी। साल 1968 में नारायण सिंह का विमान हादसे में शहीद हो गए थे।

भारतीय वायुसेना का एएन-12 विमान आज से करीब 56 साल पहले 1968 में हिमाचल में रोहतांग दर्रे के पास क्रैश हो गया था,जिसमें करीब 102 लोग सवार थे।इस हादसे में शहीद हुए जवानों के पार्थिव शरीर अभीतक नहीं मिले है। हालांकि अब करीब 56 साल बाद चारों जवानों के पार्थिव शरीर मिले, जिनमें से एक उत्तराखंड के चमोली जिले के नारायण सिंह का है। नारायण सिंह का पार्थिव शरीर करीब 56 साल बाद अपने घर पहुंचेगा,जहां सैन्य सम्मान के साथ नारायण सिंह का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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