रूद्रप्रयाग: केदरानाथ पैदल मार्ग पर बादल फटने से मची भारी तबाही के बाद यात्रा को रोक दी गई है। केदारघाटी में हाईअलर्ट जारी किया गया है। केदारनाथ पैदल मार्गों पर फंसे श्रद्धालुओं का सुबह से रेस्क्यू जारी है। अब हेलिकॉप्टर से भी रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया गया है।बड़ी लिंचोली में एनडीआरएफ, डीडीआरएफ जवान श्रद्धालुओं को निकालने में जुटे हैं। केदारनाथ पैदल मार्ग से लेकर गौरीकुंड और सोनप्रयाग लिनचोली में आपदा से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। फंसे यात्रियों को हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया जा रहा है। सड़क और पैदल मार्ग को क्षतिग्रस्त है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रुद्रप्रयाग में अतिवृष्टि से हुए आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। इस दौरान वह बचाव व राहत कार्यों की स्थिति की समीक्षा की जाएगी।
आपको बता दे कि भारी बारिश और बादल फटने से गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग को भारी क्षति हुई है। मंदाकिनी नदी का जलस्तर बढ़ने से पैदल मार्ग पर रामबाड़ा में दो पुल और भीमबली में 25 मीटर रास्ता बह गया, जिससे केदारनाथ धाम की यात्रा को रोक दिया गया है। साथ ही फंसे 4000 यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। 3300 को पैदल निकला है जबकि 700 यात्रियों को हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया। वहीं, सोनप्रयाग गौरीकुंड से पांच लोग लापता हैं।
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वही आपदा में बुधवार देर रात तक विभिन्न जगहों पर नौ लोगों की जान चली गई थी, वहीं, बृहस्पतिवार को प्रदेश में सात और लोगों की मौसम के कारण मौत हो गई। टिहरी के भिलंगना ब्लाॅक में ग्राम पंचायत जखन्याली के नौताड़ में बुधवार की रात बादल फटने से घायल हुए विपिन (30) की भी मौत हो गई, जबकि उनके माता-पिता भानुप्रसाद व नीलम की बीती रात ही मौत हो गई थी। रुद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय में एक व्यक्ति को मृत हालत में लाया गया था, जिसकी शिनाख्त नहीं हो पाई है। इससे पूर्व एसडीआरएफ ने भी एक अज्ञात शव को कालीमठ मोटर मार्ग पर विद्यापीठ के समीप नदी से बरामद किया।
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