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हल्द्वानी में बारिश ने दिखाया रौद्र रूप, मची चीख-पुकार, आंखो में आंसू लिए घरों के अंदर से करते रहे मलबा साफ।

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हल्द्वानी: उत्तराखंड में मानसून ने प्रलय मचाया हुआ है दिन प्रतिदिन मानसून से संबंधित खबरें सामने आ रही है कहीं रोड जाम हो रहे हैं तो कहीं पहाड़ गिर जा रहे हैं, कही नाला भी अपना रौद्र रुप में आ जा रहा है। इसी मानसून के चलते जनपद नैनीताल के हल्द्वानी से एक बेहद दुखद खबर सामने आ रही है जहां बारिश ने अपना कहर बरपा कर लोगो को घर से बेघर कर दिया है। हल्द्वानी के दमुवादूंगा से लगे भद्ययूनी के जंगल में हुई भारी बारिश से लोगों की जिंदगी भर की कमाई बाढ़ की भेंट चढ़ गई। लोग पूरी रात अपने घरों में घुसे मलबे को साफ करते रहे। हर कोई कह रहा था कि 29 साल में बर्बादी का ऐसा मंजर नहीं देखा। इस बार कलसिया नाला पहली बार इतने उफान पर था। आपबीती बताते हुए कई महिलाएं रुआसी हो गईं। उनका कहना था कि एकबारगी तो उन्हें लगा कि आज कोई बचेगा ही नहीं। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। लोगों ने बताया कि वर्ष 1995 में कलसिया नाला उफनाया था इसके बाद कभी इतना नुकसान नहीं हुआ।

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आपको बता दे कि बृहस्पतिवार रात करीब साढ़े दस बजे कलसिया नाले के उफान पर आने के कारण नाले के किनारे बसी बद्रीपुरा क्षेत्र का आलम यह हो गया कि यहां के सारे घर मलबे और पानी से भर गए और घरों में रखा सारा सामान पानी की भेंट चढ़ गया। स्थानीय निवासी विजय कुमार ने बताया कि जब नाला उफान पर आया और तेज पानी के साथ उनके घरों में मलबा भर गया, तब वे घर में बैठकर खाने की तैयारी कर रहे थे। मलबा इतनी तेजी से आया कि वह कुछ समझ नहीं सके। आननफानन में बच्चों को लेकर ऊपरी मंजिल पर भागे और जब नीचे आकर देखा तो सारा फर्नीचर तथा कपड़े खराब हो चुके थे। घर में रखा खाने-पीने का सामान और अन्य राशन बह गया। भीम सिंह ने बताया कि उनका पूरा घर बोल्डर और कीचड़ से भर गया था। किसी तरह परिजनों को निकाला। इस बीच बिजली गुल हो गई थी। इस वजह से भी सामान को बचाने में दिक्कत हुई।

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बाल्टी और बेलचों से निकालते रहे मलबा पर आंखों में आंसू नहीं रुक रहे थे।

प्रभावित घरों से रानी देवी, राजीव कुमार, मनीष कुमार, मोहम्मद युनुस आदि के परिवार के सभी सदस्य बाल्टी, बेलचे और अन्य बर्तनों की मदद से पानी और मलबा निकालने में जुटे रहे। मोहम्मद युनुस ने बताया कि तेज बहाव से आए मलबे केसमय वे सात परिजन घर में ही फंसे रह गए। बमुश्किल बाद में बच्चों और महिलाओं को सुरक्षित निकाला।

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