चमोली: देवभूमि उत्तराखंड में मंदिर, पुरातत्व समय से निर्मित धाम(मंदिर) प्रख्यात है। इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि अब उत्तराखंड के चमोली जिले की जोशीमठ तहसील को उसके प्राचीन नाम ज्योतिर्मठ के रूप में जाना जाएगा जबकि नैनीताल जिले की कोश्याकुटोली तहसील का नया नाम अब श्री कैंचीधाम हो गया है। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी द्वारा की गई घोषणाओं के अनुरूप इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजे गए थे, जिन्हें मंजूरी मिल गई है। बताया जाता है कि आठवीं सदी में आदि गुरु शंकराचार्य इस क्षेत्र में आए थे और कल्पवृक्ष के नीचे तपस्या की थी जिससे उन्हें दिव्य ज्ञान की ज्योति की प्राप्ति हुई थी। दिव्य ज्ञान ज्योति और ज्योतेश्वर महादेव की वजह से इस स्थान को ज्योतिर्मठ कहा गया। जोशीमठ को बदरीनाथ धाम का प्रवेशद्वार माना जाता है।
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वहीं, नैनीताल जिले की कोश्याकुटोली तहसील को नीम करौली बाबा महाराज के आश्रम श्री कैंची धाम का नया नाम देने के प्रस्ताव को भी केंद्र से मंजूरी मिल गई है। धामी ने बीते वर्ष कैंची धाम मंदिर के स्थापना दिवस पर 15 जून को आयोजित एक समारोह के मौके पर कोश्याकुटोली तहसील का नाम बदलकर श्री कैंची धाम करने की घोषणा की थी। प्रतिदिन भारी संख्या में बाबा के भक्त धाम में दर्शन को पहुंचते हैं। कैंची धाम में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए उत्तराखंड सरकार वहां सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य कर रही है। कैंची धाम को मानसखंड मंदिरमाला मिशन में भी शामिल किया गया है।
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