उत्तराखंड में मातृहीन-पितृहीन छात्रों के लिए शैक्षिक सहायता योजना 2025-26
उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद, देहरादून ने मातृहीन-पितृहीन शैक्षिक सहायता योजना 2025-26 के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस योजना के तहत राज्य के ऐसे छात्र-छात्राओं को वित्तीय मदद दी जाती है, जिनके माता-पिता में से एक या दोनों का निधन हो चुका है और जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं।
योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य अनाथ, मातृहीन या पितृहीन छात्रों को शिक्षा जारी रखने में मदद करना है। योजना के अंतर्गत उत्तराखंड के सरकारी और सहायता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा 6 से 12वीं तक पढ़ने वाले बच्चों को शैक्षिक सहायता प्रदान की जाती है।
पात्रता (Eligibility)
- उत्तराखंड का स्थायी निवासी होना अनिवार्य।
- मातृहीन, पितृहीन या दोनों से वंचित छात्र।
- छात्र/छात्रा कक्षा 6 से 12वीं में नियमित रूप से अध्ययनरत हो।
- पिछली कक्षा में कम से कम 60% अंक प्राप्त होना आवश्यक।
- छात्र/छात्रा का विद्यालय सरकारी या सहायता प्राप्त होना चाहिए।
शैक्षिक सहायता
- योजना के तहत हर वर्ष लगभग 200 छात्रों को चयनित किया जाता है।
- सहायता राशि छात्र की कक्षा, प्रदर्शन और आवश्यकताओं के आधार पर तय होती है।
- पिछले शैक्षणिक सत्र (2024-25) में परिषद को 5,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे।
आवेदन प्रक्रिया
1. निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र भरें (विद्यालय से प्राप्त करें या ukssccw.org से डाउनलोड करें)।

2. आवेदन पत्र के साथ संलग्न करें:
- हालिया पासपोर्ट साइज फोटो
- पितृहीन/मातृहीन प्रमाणपत्र
- पिछली कक्षा की अंकतालिका
- विद्यालय का प्रमाणपत्र
- विद्यालय द्वारा सत्यापन के बाद आवेदन खंड शिक्षा अधिकारी को भेजा जाएगा।
- अंतिम रूप से सभी आवेदन उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद, देहरादून को प्रेषित किए जाएंगे।
आवेदन की अंतिम तिथि
15 सितम्बर 2025 तक आवेदन जमा किए जा सकते हैं। समय सीमा के बाद प्राप्त फॉर्म पर विचार नहीं किया जाएगा।
चयन प्रक्रिया
- प्राप्त आवेदनों की स्क्रीनिंग उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा की जाएगी।
- चयन मेरिट, आर्थिक स्थिति और दस्तावेज़ों के सत्यापन के आधार पर किया जाएगा।
- चयनित छात्रों को शैक्षिक सहायता राशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जाएगी।
महत्वपूर्ण संपर्क
- परिषद का नाम: उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद, देहरादून
- ईमेल: ukssccwddn@gmail.com
- फोन: 0135-278884
उत्तराखंड सरकार की यह पहल राज्य के अनाथ, मातृहीन और पितृहीन छात्रों को शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यदि आप या आपके आस-पास कोई छात्र इस योजना के पात्र हैं, तो समय रहते आवेदन जरूर करें।
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ऐसी ही एक दूसरी योजना है जो इसी अनुरूप प्रतीत होती है लेकिन वह इससे अलग है। जिसका नाम है PM CARES for Children Scheme, जिसमें कोविड-19 महामारी के दौरान जिन बच्चों ने अपने माता-पिता में से किसी एक या दोनों को खो दिया, उनके लिए केंद्र सरकार ने “PM CARES for Children Scheme” शुरू की। इस योजना का उद्देश्य ऐसे अनाथ या अर्ध-अनाथ बच्चों को आर्थिक, शैक्षिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है, ताकि वे बिना रुकावट अपनी पढ़ाई जारी रख सकें और सुरक्षित भविष्य पा सकें।
योजना की मुख्य बातें
पात्रता : वे बच्चे जिनके माता या पिता अथवा दोनों की मृत्यु कोविड-19 के कारण हुई हो।
लाभ : 18 वर्ष की आयु तक निःशुल्क शिक्षा की सुविधा। उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति एवं ऋण में सहयोग। आयुष्मान भारत योजना के तहत ₹5 लाख तक स्वास्थ्य बीमा। 18 वर्ष की आयु के बाद हर महीने ₹4,000 की वित्तीय सहायता। 23 वर्ष की आयु पूरी होने पर PM CARES फंड से लंपसम राशि।
दस्तावेज़ : आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, माता-पिता की मृत्यु प्रमाण पत्र (कोविड कारण अंकित), निवास प्रमाण पत्र, बैंक विवरण।
आवेदन प्रक्रिया : बच्चे के अभिभावक या संरक्षक जिला बाल संरक्षण इकाई (DCPU) या महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर इस योजना से जुड़ी कोविड अनाथ सहायता योजनाएँ चला रही हैं, जिनमें मासिक पेंशन और शिक्षा सहयोग शामिल है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 28 फरवरी 2022 थी, इसके बाद नए आवेदन नहीं लिए गए। अभी आवेदन नहीं हो सकता, क्योंकि समय सीमा समाप्त हो चुकी है।
