16 अरब पासवर्ड हुए लीक: इंटरनेट इतिहास का सबसे बड़ा पासवर्ड लीक
अगर आपको मई 2025 में लीक हुए 18.4 करोड़ लॉगिन डेटा की खबर डरावनी लगी थी, तो अब आपको और भी चौकन्ना हो जाना चाहिए। एक चौंकाने वाली नई रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि इंटरनेट के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा पासवर्ड लीक सामने आया है।
Cybernews और Forbes द्वारा की गई संयुक्त जांच में यह खुलासा हुआ है कि इस डेटा ब्रीच में 16 अरब से अधिक लॉगिन क्रेडेंशियल्स चोरी कर लिए गए हैं। यानी यूज़रनेम और पासवर्ड, इंटरनेट पर लीक हो चुके हैं यह अब तक दर्ज सबसे बड़ा लीक माना जा रहा है, जिससे वैश्विक डिजिटल सुरक्षा पर अभूतपूर्व खतरा मंडरा रहा है।
16 अरब पासवर्ड चोरी, डार्क वेब पर बिक्री के लिए उपलब्ध
साइबर सुरक्षा शोधकर्ताओं ने पाया कि चोरी हुए ये 16 अरब से अधिक लॉगिन डिटेल्स अब ऑनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध करा दिए गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस डेटा का समय रहते समाधान नहीं किया गया, तो यह दुनिया भर में फ़िशिंग अटैक, पहचान की चोरी और अकाउंट हैकिंग जैसी गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकता है।
पासवर्ड लीक का अब तक का सबसे बड़ा मामला
साइबर सिक्योरिटी वेबसाइट Cybernews के शोधकर्ताओं ने बताया कि यह लीक संभवतः कई इनफोस्टीलर मैलवेयर के जरिए हुआ है। इनमें सोशल मीडिया, VPN, डेवलपर पोर्टल्स और विभिन्न सरकारी सेवाओं तक के यूजर अकाउंट्स के पासवर्ड शामिल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सिर्फ डेटा लीक नहीं, बल्कि डिजिटल दुनिया के खिलाफ एक बड़ा साइबर हथियार है।
डेटा लीक का स्रोत और प्रभाव
Cybernews के विलीउस पेटकौस्कस के अनुसार, अब तक 30 डेटासेट मिले हैं, जिनमें से हर एक में लाखों से लेकर 3.5 अरब तक रिकॉर्ड हैं। इन डेटासेट्स में से अधिकांश पहले कभी रिपोर्ट नहीं हुए थे, यानी यह पूरी तरह से नया और ताज़ा डेटा है।
Dispersive कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट लॉरेंस पिंग्री के अनुसार, “इतने बड़े आंकड़ों को नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता। यह डेटा बार-बार पैक कर के डार्क वेब पर बेचा जाता है और इसका गलत इस्तेमाल लगभग तय है।”
और पढ़ें :-साइबर अपराध क्या है? जानें प्रकार, सजा और बचाव के उपाय
आपके लिए इसका क्या मतलब है?
इन लीक हुए क्रेडेंशियल्स का इस्तेमाल फ़िशिंग अटैक्स, अकाउंट हैकिंग और पहचान की चोरी जैसे गंभीर साइबर अपराधों में हो सकता है। यदि आप एक ही पासवर्ड कई जगह उपयोग करते हैं, तो आप सबसे ज़्यादा जोखिम में हैं।
अब क्या करें? पासवर्ड बदलें, पासकी अपनाएं
साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि अब समय आ गया है कि लोग पासवर्ड की जगह ‘पासकी’ (Passkeys) का उपयोग करना शुरू करें। गूगल, एप्पल और फेसबुक जैसे बड़े प्लेटफ़ॉर्म पहले ही पासकी सपोर्ट देना शुरू कर चुके हैं।
संस्थानों को भी उठाने होंगे कदम
Keeper Security के CEO डैरेन गुच्चियोनी ने कहा कि कंपनियों को अब Zero-Trust Security Models अपनाने चाहिए, जिसमें हर एक्सेस को प्रमाणित और लॉग किया जाए, चाहे डेटा कहीं भी हो।
साइबर सुरक्षा: एक साझी ज़िम्मेदारी
कुछ विशेषज्ञों जैसे Paul Walsh इस विचार से सहमत नहीं हैं कि साइबर सुरक्षा एक साझी जिम्मेदारी है। उनका कहना है कि “यूजर्स को दोषी ठहराना बंद कर सुरक्षा कंपनियों को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।”
इसके बावजूद, अन्य विशेषज्ञ मानते हैं कि आम लोगों को भी सावधान रहना होगा। मज़बूत, यूनिक पासवर्ड का उपयोग करें और 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन(2FA) सक्षम करें।
और पढ़ें :-ऑनलाइन सिक्योरिटी टिप्स 2024: अपने डेटा को सुरक्षित रखने के बेस्ट तरीके
सावधानी ही सुरक्षा है: ये कदम तुरंत उठाएं
- अपने सभी अकाउंट्स के पासवर्ड तुरंत बदलें, विशेष रूप से जहाँ आपने एक ही पासवर्ड कई जगह इस्तेमाल किया है।
- पासवर्ड मैनेजर का उपयोग करें।
- जहाँ संभव हो पासकी (Passkeys) का उपयोग शुरू करें।
- डार्क वेब मॉनिटरिंग टूल्स का उपयोग करें ताकि पासवर्ड लीक होने पर तुरंत अलर्ट मिले।
निष्कर्ष: यह लीक साइबर सुरक्षा जगत में एक बड़ा अलार्म है। यह केवल एक तकनीकी मुद्दा नहीं, बल्कि हमारे डिजिटल अस्तित्व की रक्षा से जुड़ा विषय है। अब समय आ गया है कि हम अपने डिजिटल जीवन को गंभीरता से लें और मजबूत सुरक्षा उपायों को अपनाएं।
सोर्स :-forbes.com