देहरादून। उत्तराखण्ड वनाग्नि प्रबन्धन की तैयारियों को लेकर प्रमुख वन संरक्षक (HoFF) की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में अपर प्रमुख वन संरक्षक (वनाग्नि एवं आपदा प्रबन्धन), गढ़वाल एवं कुमाऊँ मंडल के मुख्य वन संरक्षक, समस्त वन संरक्षक, निदेशक तथा प्रभागीय वनाधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में “Forest Fire Uttarakhand Mobile App” के उपयोग को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया। यह ऐप 2025 वनाग्नि-काल में पहली बार सभी प्रभागों में फील्ड स्तर पर उपयोग किया जाएगा। अब तक 3732 अधिकारी और कर्मचारी इस ऐप को डाउनलोड कर चुके हैं। सभी फील्ड कार्मिकों को अगले सप्ताह तक ऐप का नवीनतम संस्करण डाउनलोड करने और इसके माध्यम से फायर अलर्ट का भौतिक सत्यापन कर फीडबैक रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिए गए।
मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि इस ऐप से वनाग्नि रोकथाम के लिए प्रतिक्रिया समय में सुधार होगा। वनाग्नि की घटनाओं की जानकारी किसी भी व्यक्ति द्वारा आसानी से विभाग को दी जा सकेगी। इसके अतिरिक्त, दैनिक बुलेटिन और फायर अलर्ट सिस्टम तैयार करने में ऐप सहायक होगा।
बैठक में बताया गया कि Forest Fire Alert System से अब तक 12518 सब्सक्राइबर्स जुड़े हैं। इनमें प्रशासन, जिला आपदा प्रबंधन विभाग, ग्राम प्रधान, वन पंचायतों के सरपंच, महिला और युवा मंगल दल तथा स्वयं सहायता समूह शामिल हैं। प्रभागीय वनाधिकारियों को इस सिस्टम से अधिक से अधिक सामुदायिक संस्थानों को जोड़ने के निर्देश दिए गए।
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बैठक में NDMA (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) द्वारा आयोजित Table Top और Mock Exercise में Forest Fire Uttarakhand Mobile App के उपयोग पर सहमति बनी। वहीं, प्रभागीय कार्य योजना के अनुसार फायर लाइनों की सफाई और लौट आवंटन की प्राथमिकता सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।
वनाग्नि प्रबंधन योजना 2025 के तहत 11 जिलों से योजनाएं प्राप्त हो चुकी हैं। उत्तरकाशी और देहरादून से शीघ्र योजना प्रेषित करने के निर्देश दिए गए। बैठक में शीतलाखेत वन क्षेत्र में सामुदायिक सहभागिता के मॉडल को राज्य के अन्य प्रभागों में लागू करने की सिफारिश की गई। इसके लिए प्रभागीय अधिकारियों को अधिक से अधिक एक्सपोज़र विजिट कराने और अपने क्षेत्रों में सामुदायिक सहभागिता विकसित करने का निर्देश दिया गया।
वनाग्नि प्रबंधन की इस महत्वपूर्ण बैठक ने वन विभाग की तत्परता और तकनीकी दक्षता को नया आयाम दिया। Forest Fire Uttarakhand Mobile App और सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से वनाग्नि रोकथाम में बेहतर परिणाम मिलने की उम्मीद है।
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