अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में एक 26 साल के भारतीय-अमेरिकी सुचिर बालाजी अपने फ्लैट में पिछले दिनों मृत पाए गए थे। सुचिर बालाजी ओपनएआई के लिए काम कर चुके हैं और उन्होंने कंपनी पर कॉपीराइट कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। अब मौत के एक महीने बाद उनकी मां ने एफबीआई जांच की मांग की है।ओपनएआई व्हिसलब्लोअर और रिसर्चर 26 नवंबर को कैलिफोर्निया में अपने सैन फ्रांसिस्को अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे। अधिकारियों ने बालाजी की मौत को आत्महत्या करार दिया था। रविवार को एक्स पर एक पोस्ट में, उनकी मां पूर्णिमा रामाराव ने कहा कि उन्होंने एक प्राइवेट इन्वेस्टिगेटर को काम पर रखा और मौत के कारण का पता लगाने के लिए दूसरी बार शव को टेस्ट करवाया।
‘बाथरूम में मिले खून के धब्बे’
रामाराव ने यह भी आरोप लगाया कि बालाजी का अपार्टमेंट जो कथित तौर पर बुकानन स्ट्रीट पर था उसकी तोड़फोड़ की गई। उन्होंने कहा, ‘बाथरूम में लड़ाई का निशान था और खून के धब्बों के आधार पर ऐसा लग रहा है कि किसी ने बाथरूम में उसे मारा है।’
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मां ने कहा निर्मम हत्या है
रामाराव ने एफबीआई जांच की मांग करते हुए कहा, ‘यह एक निर्मम हत्या है जिसे अधिकारियों ने आत्महत्या घोषित कर दिया है। एसएफ शहर में पैरवी हमें न्याय पाने से नहीं रोकती है।’ साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि निजी शव परीक्षण पुलिस की तरफ से बताए गए मौत के कारण की पुष्टि नहीं करता। मां ने आगे आरोप लगाया कि कंपनी लगातार गलत फैसले ले रही थी। उनके बेटे का मानना था कि कंपनी की सोच अब गैर लाभकारी नीति से भटक चुकी है। अपने पोस्ट में, उन्होंने अरबपति एलन मस्क और भारतीय-अमेरिकी तकनीकी उद्यमी विवेक रामास्वामी को टैग किया, जो आने वाले डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं।
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एलन मस्क ने दिया साथ एलन मस्क ने सार्वजनिक रूप से पूर्णिमा राव की अपने बेटे की मौत की जांच की मांग का समर्थन किया है। एलन मस्क ने लिखा कि यह आत्महत्या जैसा नहीं लगता। इस पर बालाजी की मां ने एलन मस्क से सहायता करने का अनुरोध किया है। सुचिर बालाजी की मौत से जुड़ा विवाद एआई विकास में डेटा गोपनीयता और कॉपीराइट मुद्दों के बारे में चल रही चिंताओं को उजागर करता है।
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