देहरादूनः उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के नेहरू कॉलोनी स्थित जल संस्थान मुख्यालय पर जल संस्थान संविदा श्रमिक संघ का धरना 34 दिन से लगातार जारी है. अभी तक जल संस्थान कर्मियों की डिमांड पूरी नहीं हुई है. इसके विरोध में जल संस्थान कर्मियों ने गुरुवार 12 सितंबर को सचिवालय कूच करने का ऐलान किया है. आपको बता दे कि उत्तराखंड जल संस्थान संविदा श्रमिक संघ ने जल संस्थान में आउटसोर्स से ठेकेदारी प्रथा को समाप्त कर सेवायोजन पोर्टल और अन्य सेवायोजन एजेंसी में समायोजन को लेकर गुरुवार को सचिवालय कूच किया।
पुलिस ने चार घंटे से अधिक समय तक संविदा श्रमिकों को सुभाष रोड के पास बैरिकैडिंग पर रोके रखा। मुख्यमंत्री के पीआरओ द्वारा ज्ञापन लेने और वार्ता का आश्वासन देने के बाद ही प्रदर्शनकारी बैरिकैडिंग से हटने को राजी हुए। लेकिन मांग पूरी करने के अल्टीमेटम के साथ नेहरु कॉलोनी जल संस्थान मुख्यालय में धरने पर जा बैठे। गुरुवार को लगातार हो रही बारिश के बीच जल संस्थान के संविदा श्रमिकों ने अपना कूच परेड ग्राउंड से शुरू किया। पर पुलिस ने सचिवालय के पास सुभाष रोड सेंट जोसेफ तिराहे में प्रदर्शनकारियों को बैरीकैडिंग पर ही रोक दिया इस पर वे वहीं धरना देकर सभा करने लगे। कई घंटों के बाद ज्ञापन लेने आए सीएम के पीआरओ ने सीएम व सचिव प्रशासन से वार्ता कराने के लिए दस दिन का समय मांगा।
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संविदा श्रमिक संघ के अध्यक्ष संजय कुमार ने कहा कि यदि दस दिन में भी समस्या का हल नहीं हुआ तो सीएम का घेराव किया जाएगा। इसके साथ ही प्रदर्शनकारी जल संस्थान मुख्यालय में जाकर धरने पर बैठ गए। यहां श्रमिकों का धरना पिछले 35 दिन व क्रमिक अनशन 30 दिनों से चल रहा है। महामंत्री मंगलेश लखेड़ा ने कहा कि जल संस्थान में विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत कार्मिक करीब 20 से 25 सालों से पेयजल जैसी महत्वपूर्ण व्यवस्था में योगदान दे रहे हैं।
विभाग द्वारा श्रमिकों के बीच में ठेकेदारों को रखा गया है। ठेकेदार श्रमिकों को न तो पूरा मानदेय देते हैं, न ही ईपीएफ, ईएएआई जैसी मूलभूत सुविधा का लाभ दे रहे हैं, उन्हें कोई अवकाश भी नहीं मिलता। मौके पर श्याम सिंह सम्बल, गणेश नाथ, बलबीर पयाल, प्रवीन बोहरा, सुरजीत डोबरियाल, परशुराम, चंद्रमोहन खत्री, सूर्य प्रकाश, पूरन चंद चौबे आदि मौजूद रहे।
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