देहरादून: उत्तराखंड में चुनावी माहौल तो नहीं है लेकिन फिर भी प्रदेश की सियासत में उबाल आया हुआ है। इस बार यह उबाल राजनीतिक नहीं बल्कि धार्मिक रूप में है। जिसमें भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं। अन्य संगठन भी इस मामले में कूदे लेकिन धरना-प्रदर्शन कर शांत हो गये। तीसरे की कोई गुंजाइश कम ही नजर आ रही है। मामला बाबा केदार के धाम से जुड़ा हुआ है। दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति के निर्माण का कांग्रेस पुरजोर विरोध कर रही है। जबकि पूर्व में मुंबई में बदरीनाथ मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में पूर्व सीएम हरीश रावत के शामिल होने के सवाल पर कांग्रेस ने चुप्पी साधी हुई है
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वहीं दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर के निर्माण में सरकार के किसी भी तरह से शामिल होने की बात से सरकार और भाजपा पूरी तरह से इनकार कर रही है। वहीं ट्रस्ट के संस्थापक ने भी सरकार का इस मंदिर निर्माण से कोई सरोकार न होने की बात मीडिया से कही है लेकिन फिर भी विवाद थम नहीं रहा है। या यह कहा जाये कि विपक्ष इस मुद्दे को भुनाने में जुटा हुआ है। इसी के चलते कांग्रेस ने हरिद्वार से ‘केदारनाथ बचाओ’ पदयात्रा शुरू की है जो केदारनाथ धाम में समाप्त होगी।